आनंद के पापा, जैसे ही ऑफिस पहुंचे, उनका एक सेल्जमैन – आकाश, गुस्से में, उनके केबिन में आता है। और कहता है- मैं कितना हार्डवर्क करता हूं। मैंने और विनोद ने एक ही टाइम पर, कंपनी जॉइन की थी, लेकिन उसे प्रोमोशन मिल गया, मुझे क्यों नहीं? आनंद के पापा ने, उसे कहा- जाओ और मार्केट में जाकर देखो, इस समय कोई आम बेच रहा है। वो मार्केट गया और वापस आकर, बॉस को बताया। हां, एक दुकानदार आम बेच रहा है। उन्होंने उसे कहा- ठीक है, लेकिन किस कीमत पर आम बेच रहा है? ये पता करने के लिए, आकाश दोबारा मार्केट गया और आकर बताया कि 120 रुपए किलो। उन्होंने उसे, फिर से पूछा - अगर बल्क में लेना चाहूं, तो उसके पास, इस वक्त कितनी मात्रा में आम होंगे। आकाश के पास, इस बार भी कोई जवाब नहीं था।
तभी उन्होंने, विनोद को अपने कैबिन में बुलाया और उसे कहा- मार्केट में पता करना, कोई आम का विक्रेता है। विनोद मार्केट जाकर वापस आया और कहने लगा- हां, एक दुकानदार, 120 रुपए किलो आम बेच रहा है, लेकिन बल्क में लेने पर, 100 रुपए किलो दे देगा। इस वक्त उसके स्टॉक में, 100 किलो आम हैं। 2 दिन पहले वो दूसरे शहर से लेकर आया है, लेकिन फिर भी, वो बिलकुल फ्रेश हैं। आकाश समझ गया कि विनोद और उसमें कितना फर्क है। हम में से ज्यादातर लोग, सिर्फ कल का सोचते हैं, लेकिन सफल लोग, आगे का सोचते हैं। हर चीज को गहराई से देखें, उससे जुड़े हर पहलु को समझें। पढ़ाई हो या करियर, जितना कहा गया है, हमेशा उससे एक्स्ट्रा ही करें।